सुबह-सुबह बीजिंग का तियानमेन स्क्वायर झंडों और सुनहरे अंकों से जगमगा रहा था। “1945” और “2025” चमक रहे थे, मानो इतिहास फिर से आंखों के सामने जीवित हो उठा हो।
फिर आई वो घड़ी, जब शी जिनपिंग काली लिमोजिन से बाहर निकले और सैनिकों का निरीक्षण किया। हर सैनिक ने सीना तानकर कदमताल किया और जिनपिंग ने मुस्कराकर कहा, “कामरेड्स, आप मेहनत कर रहे हैं!”
भीड़ में लोग पसीने से तर-बतर थे लेकिन जोश इतना था कि थकान कोई मायने नहीं रखती थी। मिसाइलें, टैंक और ड्रोन देखकर भीड़ का उत्साह चरम पर पहुंच गया।

