नई दिल्ली: उत्तर भारत में मानसून ने एक बार फिर तबाही मचा दी है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों के उफान, सड़कें धंसने, और भूस्खलन की घटनाओं ने हालात और भयावह बना दिए हैं। प्रशासन अलर्ट पर है, सेना और आपदा राहत बल लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं।
Contents
Join our Social Channels🌊 जम्मू रेलवे स्टेशन: 100 साल का रिकॉर्ड टूटा🛕 चिनाब का रौद्र रूप: मंदिर डूबे, अलर्ट जारी🚁 CRPF जवानों का ड्रामाई रेस्क्यू – हेलीकॉप्टर से बचाव🏛️ GGM साइंस कॉलेज भी नहीं बचा🌲 उधमपुर में पेड़ गिरा, कार पूरी तरह दब गई🏞️ हिमाचल में व्यास नदी की तबाही🚨 रेस्क्यू अपडेट: 5,000 से ज्यादा लोगों को बचाया गया⚠️ मौसम विभाग की चेतावनी: खतरा अभी टला नहीं🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: मदद का भरोसा📊 विश्लेषण: आपदा से सबक लेने का समय
🌊 जम्मू रेलवे स्टेशन: 100 साल का रिकॉर्ड टूटा
- 190.4 मिमी बारिश ने 1926 का रिकॉर्ड तोड़ा।
- स्टेशन के बाहर बसें और कारें पानी में डूबीं।
- वीडियो वायरल – सड़कों पर सिर्फ पानी और तबाही का मंजर।
- प्रशासन की अपील: “नदियों और जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें।”
🛕 चिनाब का रौद्र रूप: मंदिर डूबे, अलर्ट जारी
- अखनूर में चिनाब नदी खतरे के निशान से ऊपर।
- जिया पोता घाट के मंदिर जलमग्न – सिर्फ शिखर नजर आ रहे हैं।
- लोगों में दहशत, प्रशासन ने नदी किनारे जाने से मना किया है।
🚁 CRPF जवानों का ड्रामाई रेस्क्यू – हेलीकॉप्टर से बचाव
- लखनपुर (कठुआ) में रावी नदी का उफान – 6 जवान फंसे।
- सेना ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग कर छत से रेस्क्यू किया।
- ऑपरेशन सफल, जवान सुरक्षित – बड़ा हादसा टला।
🏛️ GGM साइंस कॉलेज भी नहीं बचा
- जम्मू का ऐतिहासिक कॉलेज बाढ़ की चपेट में।
- हॉस्टल में फंसे छात्रों को नावों से रेस्क्यू किया गया।
- SDRF और प्रशासन ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
🌲 उधमपुर में पेड़ गिरा, कार पूरी तरह दब गई
- डाक बंगले के पास चलती कार पर पेड़ गिरा।
- गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।
- भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है।
🔗 और पढ़ें
🏞️ हिमाचल में व्यास नदी की तबाही
- कुल्लू और मनाली में नदी ने मचाया कहर।
- चंडीगढ़-मनाली हाईवे का हिस्सा बहा, यातायात ठप।
- होटल और गेस्ट हाउस खाली करवाए गए।
- प्रशासन अलर्ट पर, रेस्क्यू टीमें तैनात।
🚨 रेस्क्यू अपडेट: 5,000 से ज्यादा लोगों को बचाया गया
- जम्मू: मकौरा गांव से 70 लोग, निक्का सीमा चौकी से 11 BSF जवानों को बचाया गया।
- हिमाचल: SDRF और NDRF की टीमों ने दर्जनों गांवों को खाली कराया।
- रेस्क्यू मिशन जारी, सेना पूरी तरह सक्रिय।
⚠️ मौसम विभाग की चेतावनी: खतरा अभी टला नहीं
- 27 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट।
- भूस्खलन, बादल फटने, और अचानक बाढ़ की आशंका।
- जम्मू, उधमपुर, रामबन, डोडा समेत कई जिलों में रेड अलर्ट।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: मदद का भरोसा
- सीएम उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया।
- PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सहायता का आश्वासन दिया।
- NDRF, सेना, और IAF को पूरी ताकत से लगाया गया है।
📊 विश्लेषण: आपदा से सबक लेने का समय
यह प्राकृतिक आपदा केवल मौसम की मार नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे की असमर्थता और जल प्रबंधन की कमी को भी उजागर करती है।
बारिश हर साल होती है, लेकिन हर साल तबाही क्यों?
आने वाले दिनों में यह ज़रूरी होगा कि:
- नदी किनारे की निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण हो
- आपदा प्रबंधन बजट को मजबूत किया जाए
- स्थानीय प्रशासन को और संसाधन दिए जाएं